13 जिंने परक्यो जावे हे वींने अस्यान ने केणो छावे के, “परमेसर वींने परक्यो हे।” काँके ने तो बुरी बाताँऊँ परमेसर खुद परक्या जावे हे अन ने वो किंने परके हे।
ईसू वींने क्यो, “पण सास्तर यो भी केवे हे के, “‘थूँ आपणाँ परबू परमेसर की परक मती कर।’”
वो मनक धन्न हे, ज्यो परक्यो जाबा की टेम में अटल रेवे हे, काँके वो परकबा का केड़े वो खरो मनक बणन, वो जीवन को मुकट पाई, जिंने परमेसर आपणाँ परेम करबावाळा ने देबा का वाते राक वादो कर मेल्यो हे।
अन ज्यो भी परक्यो जावे हे वो खेचान बुरी मरजी में पड़ जाँने अन वींमें फसन परक्यो जावे हे।
हो मारा भायाँ-बेना, जद्याँ थाँ तरे-तरे की बाताँऊँ परक्या जावो, तो राजी रेज्यो,