2 एक तम्बू बणायो ग्यो हो, जिंका पेला कमरा में दिवो मेलबा को आळ्यो, टेबल अन भेंट की रोट्याँ ही, वा पुवितर जगाँ केवाती ही।
वो अन वींका हण्डाळ्याँ परमेसर का मन्दर में ग्या अन चड़ाई तकी रोट्याँ खादी, ज्याँने याजक ने छोड़न कुई दूजाँ ने खाता हा?
मनक दिवो लगान कणी ठामड़ा का रेटे ने मेले हे, पण वींने आल्याँ में मेले, ताँके घर का हाराई मनकाँने उजितो मल सके।
ईंको अरत ओ ने के, वो आपणाँ खुद ने बार-बार बली चड़ाबा का वाते हरग में ग्यो, जस्यान मायाजक हर साल दूजाँ को लुई लेन पुवितर जगाँ में बली चड़ाया करे हे।