3 हरेक मायाजक ने ईं वाते चुण्यो जावे हे के, वो भेंट अन बली दुई चड़ावे। अन ईं वाते अणी मायाजक का वाते भी ओ जरूरी हे के, वींका नके भी चड़ाबा का वाते कई वेवे।
जीवन की रोटी जा हरगऊँ उतरी हे वाँ मूँईस हूँ। यद्याँ कुई अणी रोटी ने खाई, तो वीं हमेस्यान जीवता रेई अन ज्या रोटी मूँ दनियाँ का जीवन का वाते देवूँ, वाँ मारी देह हे। अणीऊँस दनियाँ का मनक जीवता रेवे हे।”
मूँ अबे जीवतो कोयने हूँ, पण मूँ ईसू मसी में जीवतो हूँ अन मूँ अणी देह में जीवतो हूँ तो बेस ईसू पे विस्वास करबा का मस जीवतो हूँ, ज्यो परमेसर को बेटो हो अन वणी माराऊँ अतरो परेम किदो के, आपणाँ खुद ने मारा वाते दे दिदो।
ईं वाते वींने हरेक बात में मनकाँ का जस्यानीस बणायो ग्यो हो, जणीऊँ वो परमेसर की सेवा करबा का वाते दया करबावाळो अन विस्वास जोगो मायाजक बणे। ताँके मनकाँ का पापाँ का मापी वाते बली हो सके।
हरेक मायाजक मनकाँ मेऊँइस चुण्यो जावे हे ज्यो बाताँ परमेसर का वाते मनकाँ आड़ीऊँ किदी जावे हे, वाँ वाते वो ठेरायो जावे हे, ताँके भेंट अन पापबली चड़ाया करे।
ज्याँका वाते दूजाँ मोटा याजकाँ के जस्यान यो जरूरी ने हे के, वीं रोज पेल्याँ आपणाँ पापाँ का वाते अन पछे लोगाँ का पापाँ का वाते बली चड़ावे। वणी तो हमेस्या हमेस्या का वाते मनकाँ का पापाँ का वाते आपणाँ खुद ने बली कर दिदो।
आ बात हाँची हे तो मसी को लुई कतरो जोरावर वेई? जणी अनंत आत्माऊँ खुद ने निरदोस बली का रूप में हमेस्या वाते परमेसर के चड़ा दिदो। वींके अस्यान करबाऊँ अन वींके लुईऊँ आपाँने मोत का आड़ीऊँ लेन जाबावाळा करमाऊँ आपणाँ मन सुद कर करी, ताँके आपाँ जीवता परमेसर की सेवा कर सका।