काँके ज्यो काम नेम मनकाँ का पापी हाव-भाव का मस कमजोर वेन ने कर सक्या, वो काम परमेसर किदो, मतलब ओ के, परमेसर आपणाँ बेटा ने आपणी जस्यान पाप की देह में आपणाँ पाप का वाते बली वेबा का वाते खन्दायो। जणीऊँ वो पापी देह में पाप ने दण्ड दिदो।
हो भायाँ, मूँ मनक का रिति-रिवाजऊँ केवूँ, यद्याँ दो मनकाँ का बचमें कस्यी बात पाकी वे जावे, तो वींने ने कुई टाळ सके अन ने वींमें कई कम कर सके अन ने बड़ा सके हे।
पण मारे केबा को मतलब यो हे के, ज्यो बात परमेसर पेल्याँई पाकी कर दिदी हे, वींने चारस्ये तीस वर का केड़े मूसा का नेम आन वींने टाळ ने सके हे। अन नेई वणी वादा ने बेकार ठेरा सके हे।
तो पछे ईंको कई मतलब हे, कई नेम परमेसर का वादा का हामे हे? कदी ने हे, काँके यद्याँ अस्या नेम दिदा जाता जीं जीवन दे सके हे। तो हाँची में नेमईस परमेसर का हामे धरमी बणाबा को सादन बण जाता।
पण अबे तो थाँ परमेसर ने जाणग्या हो अन परमेसर थाँने ओळक लिदा हे, तो थाँ दनियाँ की कमजोर अन हूंगळी बाताँ का आड़ी पाच्छा काँ जावो हो? अन थाँ पाच्छा काँ वींका दास बणणा छारिया हो?
अलग अलग तरियाँ का अणजाणी हिकऊँ भटको मती, काँके थाँका मन का वाते यो हव के, वो खाबा-पिबा की नेमा का बजाए दयाऊँ मजबूत बणे। अन जणा खाबा-पिबा का नेमाने मान्याँ वणाऊँ वाँको कदी भलो कोनी व्यो।