13 जद्याँ परमेसर अबरामऊँ वादो किदो हो, तद्याँ वणा खुदऊँ मोटो ओरी कुई ने हो, जिंका होगन खई सके। ईं वाते वणा आपणाँ खुद का होगन खान क्यो,
वणा आ होगन आपणाँ बड़ाबा अबरामऊँ खादा हा
हो भायाँ, मूँ मनक का रिति-रिवाजऊँ केवूँ, यद्याँ दो मनकाँ का बचमें कस्यी बात पाकी वे जावे, तो वींने ने कुई टाळ सके अन ने वींमें कई कम कर सके अन ने बड़ा सके हे।
काँके यद्याँ बापोती मूसा का नेमाऊँ मले तो पछे वादाऊँ ने मलती, पण परमेसर आपणी दयाऊँ अबराम ने बापोती वादाऊँ दिदी।