वींके मालिक वींने क्यो, ‘हे कपटी अन बना काम का दास,’ जद्याँ थूँ ओ जाणतो हो के, जटे में ने वायो वटूऊँ काटू हूँ, अन जटे में ने छाँटयो वटूऊँ भेळो करूँ हूँ।
ईं वाते माँ खुद ईं परमेसर की मण्डली में थाँका पे मेपणो करा हा, काँके जतरा भी दुक अन कळेस हाँ, वाँने थाँ जेल्या, ईं हारी बाताँऊँ थाँके धीरज अन विस्वास का बारा में पतो चाले हे।
वणाके विस्वास करबा की वजेऊँ वणा राज-दरबाराँ ने जीत लिदा हा अन वणा धारमिकता का काम भी करिया हा अन ज्यो कई भी परमेसर वाँने देबा को वादो किदो हो, वो हारोई वाँने मल्यो। वणा नार का मुण्डा ने बन्द कर दिदा हा।
ईं वाते जद्याँ गवा की एक मोटी भीड़ आपणाँ च्यारूँमेर हे, तो आवो, आड़ी देबावाळी हारी चिजाँ ने अन उलजाबा पाप ने छेटी करा अन ज्या दोड़ आपाँने दोड़णी हे, वींने सेण करता तका दोड़ता रा।
ईं वाते हो भायाँ, थाँ यो दिकाबा का वाते घणा ताकड़े रेवो के, थाँ हाँची में परमेसर का आड़ीऊँ बलाया अन चुण्या ग्या हो, काँके यद्याँ थाँ अणा हारी बाताँने करता रेवो, तो कदी ठोकर ने खावो अन नेई कदी रेटे पड़ो।