1 हरेक मायाजक मनकाँ मेऊँइस चुण्यो जावे हे ज्यो बाताँ परमेसर का वाते मनकाँ आड़ीऊँ किदी जावे हे, वाँ वाते वो ठेरायो जावे हे, ताँके भेंट अन पापबली चड़ाया करे।
विस्वास करबा की वजेऊँ हाबिल केनऊँ हव भेंट परमेसर के चड़ई ही। विस्वास करबा की वजेऊँ परमेसर वींकी भेंट ने मान लिदी अन वणीऊँ वींने एक धरमी मनक का रूप में मान मल्यो। वींके मरबा का केड़े आज आपाँ वणीऊँ हिका हा।
ईं वाते वींने हरेक बात में मनकाँ का जस्यानीस बणायो ग्यो हो, जणीऊँ वो परमेसर की सेवा करबा का वाते दया करबावाळो अन विस्वास जोगो मायाजक बणे। ताँके मनकाँ का पापाँ का मापी वाते बली हो सके।
ज्याँका वाते दूजाँ मोटा याजकाँ के जस्यान यो जरूरी ने हे के, वीं रोज पेल्याँ आपणाँ पापाँ का वाते अन पछे लोगाँ का पापाँ का वाते बली चड़ावे। वणी तो हमेस्या हमेस्या का वाते मनकाँ का पापाँ का वाते आपणाँ खुद ने बली कर दिदो।
हरेक मायाजक ने ईं वाते चुण्यो जावे हे के, वो भेंट अन बली दुई चड़ावे। अन ईं वाते अणी मायाजक का वाते भी ओ जरूरी हे के, वींका नके भी चड़ाबा का वाते कई वेवे।