6 पण परमेसर का घराणा में मसी तो एक बेटा का रूप में विस्वास करबा के जोगो हे, अन यद्याँ आपाँ हिम्मत राका अन वीं आस पे विस्वास बण्यो तको राका हा, तो आपींइस वींको घराणो हा।
तो थूँ परमेसर की दया ने देक अन वींका गाटापणा पे ध्यान दे। ओ गाटापणा वाँका वाते हे ज्यो रेटे पड़ग्या हा, पण वाँकी दया थाँरा वाते हे। यद्याँ थूँ खुद पे वींकी दया बणी तकी रेवा देई। ने तो थने भी काटन फेंक दिदो जाई।
कई थाँ ने जाणो हो के, थाँकी देह पुवितर आत्मा को मन्दर हे, ज्यो थाँकामें बसी तकी हे अन थाँने परमेसर का आड़ीऊँ मली हे अन वाँ थाँकी खुद की ने हे। थाँ खुदऊँ ने पण परमेसर का हो।
परबू का मन्दर को मूरत्याऊँ कई वेवार? काँके आपाँ खुदईस जीवता परमेसर का मन्दर हा, जस्यान वणा खुदईस क्यो हो, “मूँ वाँका में वास करिया करूँ, वाँका में चालूँ-फरूँ। मूँ वाँको परमेसर वेऊँ अन वीं मारा मनक वेई।
पण यद्याँ मारा आबा में टेम लागी तो, ईं कागदऊँ जाण जाज्यो के, आपणाँ परमेसर को घराणो, जीं जीवता परमेसर की मण्डली हे या हाँच की नीम अन थम्बो हे, वींके हाते आपाँने कस्यान को वेवार करणो छावे।
विस्वास करबा को अरत हे के, जणा चिजाँ की आपाँ आस लगा राकी हे, वीं आपाँने मलगी हे ईंको भरोसो कराँ हा। अन जीं चिजाँ ने आपाँ देक ने सका, पण आपाँने वाँको मलबा को पूरो भरोसो हे।
वाँको वादो अन होगन जीं कदी भी बदल ने सके हे अन ज्याँका बारा में परमेसर कदी जूट ने के सके हे। ईं वाते आपाँ ज्यो परमेसर का नके रकवाळी पाबा का वाते आया हे अन आपीं घणी हिम्मत राकन ज्यो आस आपणाँ हामें हे, वींने ठामी राका हाँ।
अन जद्याँ थाँ वींने देक्यो ने हे, तो भी थाँ वाँकाऊँ परेम करो हो अन अबाणू भी वींने ने देक पारिया हो, तो भी थाँ वींपे विस्वास करन अस्यान राजी-खुसी वेवो हो के, जिंको बखाण ने किदो जा सके हे, जो मेमाऊँ भरियो तको हे।
थाँ भी जीवता भाटा का जस्यान हो थाँने आत्मिक मन्दर का रूप बणाया जारिया हे, जणीऊँ थाँ पुवितर याजक का जस्यान बणन अस्यान का आत्मिक बलीदान चड़ावो, जो ईसू मसी के वजेऊँ परमेसर के चड़ाबा का जोगा वेवे।
काँके वाँ टेम आबावाळी हे, जद्याँ पेल्याँ परमेसर का मनकाँ को न्याव किदो जाई अन न्याव की सरुवात आपणाँ ऊँइस वेई तो वाँको कई वेई ज्यो परमेसर का हव हमच्यार ने कोयने माने हे?