5 परमेसर का हाराई घराणा में मूसो एक सेवा करबावाळा के जस्यान विस्वास के जोगो मान्यो ग्यो। वो वीं बात का वाते गवा हो, जीं परमेसर का आड़ीऊँ बोली जाबावाळी ही।
“वींके मालिक वणीऊँ क्यो, ‘धन हे हव अन विस्वास जोगा दास, थूँ थोड़ा में विस्वास जोगो रियो। मूँ थने नरई चिजाँ को हकदार बणाऊँ। आपणाँ मालिक का घर में जान खुसी मना।’
पसे ईसू वाँकाऊँ क्यो, “ईं मारी वीं बाताँ हे, जद्याँ मूँ थाँके हाते रेते तके थाँकाऊँ क्यो हो। जतरी बाताँ मूसा के नेमा में अन परमेसर का आड़ीऊँ बोलबावाळा अन भजनाँ की किताब में मारा बारा में लिकी तकी हे, वीं हारी पुरी वेणीईस हे।”
तद्याँ वणी वाँने केबा के वाते एक दन ते किदो अन नरई मनक वटे भेळा व्या जटे वो रेरियो हो। वणी हवेरूँ लगान हाँज तक परमेसर के राज का बारा में बखाण किदो अन मूसा का नेमा अन परमेसर का आड़ीऊँ बोलबावाळा की किताबाँऊँ ईसू का बारा में साबत करतो तको हमजातो रियो।
काँके मसी हात का बणई तकी पुवितर जगाँ में ने ग्यो, ज्या जगाँ हाँची पुवितर जगाँ की नकल का जस्यान हे, पण हरग में ग्यो हे, ताँके आपणाँ वाते परमेसर का हामें पेरवई वेवे।
वीं मनक परमेसर का दास मूसा अन उन्याँ का गीत गारिया हा, “वीं घणा मोटा काम हे ज्याँने थाँ करता रेवो हो। थाँका काम अचम्बा का हे अन थाँकी तागत जुग-जुग तईं हे। परबू परमेसर, थाँको गेलो हाँचो अन धरम का कामाँऊँ भरियो हे, थाँ हारी जात्या का राजा हो।