19 ईं तरियाँ आपाँ देका हा के, वीं आपणाँ बना विस्वास के मस, रईम्बावाळी जगाँ में ने जा सक्या।
ज्यो कुई विस्वास करे अन बतिस्मो लेवे, वो बंचायो जाई अन ज्यो विस्वास ने करे, वो दोसी ठेरायो जाई।
“ज्यो कुई वींपे विस्वास करे, वाँने माप किदा जावे हे, पण ज्यो वाँका पे विस्वास ने करे, वीं दण्ड का भोगी वेग्या हे, काँके वणा परमेसर का एकाएक पूत पे विस्वास ने किदो।
ज्यो बेटा ऊपरे विस्वास करे हे, वो अनंत जीवन पावे हे, पण ज्यो बेटा की ने माने हे, वो जीवन ने कोयने पावे, पण वींपे परमेसर को कोप वेतो रेवे हे।”
अन जद्याँ वीं अविस्वासी ने रेई, तद्याँ वाँने वीं रूँकड़ा में जोड़ दिदा जाई, काँके परमेसर वाँने पाच्छा जोड़बा का वाते तागतवार हे।
अणीऊँ जतरा हाँच पे विस्वास ने किदो अन जूट में मजा लेता हा, वीं हाराई दण्ड पाई।
हो भायाँ, हूँस्यार रो, कटे थाँकामूँ किंके मन में बुरई अन अविस्वास ने आ जावे, ज्यो थाँने जीवता परमेसरऊँ छेटी कर दे।
अन ज्यो भी मनक परमेसर का बेटा पे विस्वास करे हे, वो खुदई वींकी गवई देवे हे। जद्याँ कुई परमेसर क्यो, वणा बाताँ पे विस्वास ने करे, वो परमेसर ने जूटो ठेरावे हे। काँके परमेसर आपणाँ बेटा का वाते गवई दिदी हे।
थाँ तो अणा बाताँ ने जाणोइस हो, पण मूँ थाँने पाच्छी आद अवाड़णो छारियो हूँ के, परमेसर आपणाँ मनकाँ ने मिसर देसऊँ निकाळ बंचान लाया हो। पण वणा मनकाँ मेंऊँ थोड़ाक विस्वासऊँ फरग्या, ईं वाते वोईस परमेसर वणा मनकाँ ने ज्यो विस्वासऊँ फरग्या हा, वाँने नास कर दिदा हा।