5 आबावाळी दनियाँ की ज्यो भी बाताँ आपाँ करा हा, वणापे राज करबा का वाते परमेसर हरग-दुताँ ने अदिकार कोयने दिदो हे।
अन हरग राज को ओ हव हमच्यार हारई दनियाँ का हारी जात्या का वाते गवई का रूप में परच्यार किदो जई, तद्याँ अंत आ जई।
काँके अटे आपणो कस्योई हेमस्यान रेवा वाते नगर ने हे, पण आपीं तो वणी नगर की वाट नाळरिया हे, ज्यो आबावाळो हे।
अन परमेसर का हव बचन अन आबावाळा जुग की तागत को हवाद चाक लिदो हे।
पण आपाँ तो परमेसर की वादा का जस्यान नुवो आकास अन नवी धरती की वाट नाळा हा, जटे धरमीपणो वास करे हे।
हातवे दूत जद्याँ रणभेरी बजई, तो हरगऊँ जोरकी अवाज अई के, “अबे ईं धरती पे परबू अन वींका मसी को राज हे। अन वीं जुग-जुग तईं राज करी।”