6 ईं वाते आपीं विस्वास का हाते केवा हा, “परबू मारी मदत करबावाळा हे, मूँ कदी भी ने दरपूँ। मनक मारो कई ने कर सके हे।”
वाँकाऊँ मती दरपो, ज्यो बेस थाँने मार कर सके हे पण थाकी आत्माने नास ने सके हे, बेस वीं परमेसरऊँ दरपज्यो ज्यो सरीर अन आत्मा दुयाँ ने नरक में नाकन नास कर सके हे।
तो आपाँ अणा बाताँ ने देकन कई केवा? यद्याँ परमेसर आपणाँ आड़ी हे तो आपणाँ हामे कूण वे सके हे?
मसी का गट-जोड़ऊँ अन वींपे विस्वास करबाऊँ बना दरपता तका परमेसर का हामे जाबा को भरोसो हे।
हो भायाँ-बेना, अबे तो ईसू मसी का लुई वेवाड़ा की वजेऊँ आपाँने खास पुवितर जगाँ में जाबा का पूरो भरोसो वेग्यो हे।
ईं वाते आवो, आपीं हिम्मत का हाते परमेसर की दया की गादी का आड़ी चाला, ताँके आपाँ पे दया वे अन करपा पावा, ज्या जरूत की टेम में आपणी मदत करे।