मूँ बारवासी हो, अन थाँ मने आपणाँ घर में ने राक्यो, मूँ नांगो हो, अन थाँ मने गाबा ने पेराया। मूँ मांदो अन जेळ में हो, अन थाँ माराऊँ मलबा का वाते ने आया।’
थाँ केदी मनकाँ का दुक में भी दकी व्या हा। थाँ ओ जाणता हा के, थाँका नके अस्यान की दोलत हे ज्यो हव अन कदी नास ने वेई। ईं वाते थाँ थाँकी दोलत ने भी राजी वेन जब्त वेबा दिदी।
घणा के भाटा की ठोकन मार दिदा, घणा ने आरीऊँ चिरिया ग्या, वाँने तरवारऊँ मारिया अन बकरिया अन गारा की खाळ ओड़न अटने-वटने फरता फरिया, वीं कंगाळ की दसा में, कळेस में, दुक जेलता तका,
मारी आकरी मरजी हे के, थाँ हाराई मनक एक मन रेवो अन थाँ हाराई ने मनकाँ का हाते मेल-मिलाप, भईचारा, दया करबावाळा अन भायाँ का हाते परेम-भावऊँ रेबावाळा बणणो छावे।