अन तिमुती ने ज्यो मसी का हव हमच्यार में मारो विस्वासी भई अन परमेसर को दास हे वींने थाँका नके खन्दावाँ जणीऊँ वो थाँने पाका करे अन विस्वास का बारा में हमजावे अन थाँकी हिम्मत बड़ावे।
थूँ विस्वास की दोड़ में पूरो मन लगान दोड़, अन खुद का वाते जुग-जुग को जीवन जीत, जिंका वाते थने परमेसर बलायो हो, जिंने थें मेपणा का हाते थाँरा विस्वास ने नरई गवा का हामे दिकायो हो।
में वणीऊँ क्यो, “हे मालिक, थाँ तो जाणोई हो।” तो वणा माराऊँ क्यो, “ईं वीं मनक हे जी कळेस जेलन आया हे अन अणा आपणाँ गाबा ने उन्याँ का लुईऊँ धोन धोळा किदा हे।