6 काँके परबू जणीऊँ परेम करे, वींने तापड़े भी हे। अन जिंने बेटो बणा लेवे हे, वींके सजा भी देवे हे।”
वो मनक धन्न हे, ज्यो परक्यो जाबा की टेम में अटल रेवे हे, काँके वो परकबा का केड़े वो खरो मनक बणन, वो जीवन को मुकट पाई, जिंने परमेसर आपणाँ परेम करबावाळा ने देबा का वाते राक वादो कर मेल्यो हे।
देको, आपाँ धीरज राकबावाळा ने धन्न हमजा हा। थाँ अयुब का धीरज का बारा में तो हुण्योईस हे अन परबू वींने वींको ज्यो फळ दिदो हो, यो थाँ तो जाणोइस हो, काँके परबू तरस अन दया करबावाळा हे।
मूँ जणीऊँ भी परेम करूँ हूँ वाँने तापड़ूँ अन दण्ड देऊँ हूँ। ईं वाते पसतावणो कर अन पापऊँ आपणो मन ने बदलो।