26 वीं दाण तो वणी आपणाँ बचनऊँ धरती हलई दिदी, पण अबे वणी वादो किदो हे के, “एक दाण ओरी मूँ खाली धरती नेईस ने, पण आकास ने भी हला देऊँ।”
अन या बात, “एक दाण ओरी” ईं बात ने परगट करे हे के, रचना किदी तकी चिजाँ मेंऊँ हालबावाळी चिजाँ नास किदी जाई, जणीऊँ ज्यो चिजाँ हाली कोनी, बेस वींइस अटल रेई।