21 वो नजारो अतरो दरपाबावाळो हो के, मूसे खुद क्यो हो, “मूँ दरपऊँ धुँजरियो हूँ।”
पण ईंका केड़े तो जोरदार न्याव वेणो अन धधकती तकी वादीईस वाट नाळरी हे, आ वादी परमेसर का दसमणा ने बाळ नाकी।
जद्याँ में वींने देक्यो, तो वाँका पगा में मरिया तका मनक का जस्यान पड़ग्यो। पछे वणा आपणाँ जीमणो हात मारा पे राकन माराऊँ क्यो, “दरपे मती मूँ पेलो अन आकरी हूँ।