8 विस्वास करबा की वजेऊँ अबराम ने जद्याँ बलायो ग्यो हो तो वो आग्या मानन अस्यी जगाँ का आड़ी चाल पड़्यो, जिंको वारिस बणबावाळो हो, जद्याँ के, वो जाणतो भी ने हो, तद्याँ भी वो वटे ग्यो हो।
अन माँ वणा ओजाराँऊँ लोगाँ का गुमानऊँ भरिया तका सवाला अन बाताँ ने ज्यो परमेसर का ग्यान का विरोद में वेवे हे, वाँने बंस में करन मसी की आग्या में लावाँ हाँ।
वणाके विस्वास करबा की वजेऊँ वणा राज-दरबाराँ ने जीत लिदा हा अन वणा धारमिकता का काम भी करिया हा अन ज्यो कई भी परमेसर वाँने देबा को वादो किदो हो, वो हारोई वाँने मल्यो। वणा नार का मुण्डा ने बन्द कर दिदा हा।
अबे जद्याँ थाँ हाँच ने मानता तका, हाँचा भईचारा का परेम ने बताबा का वाते आपणी आत्माने पुवितर कर लिदी हे, ईं वाते थाँ एक-दूँजा में पुवितर मनऊँ परेम करबा की मनसा बणालो।
हो लुगायाँ, जस्यान दास मालिक का बंस में रेवे हे, वस्यान थाँ भी थाँका धणी का बंस में रेवो, काँके यद्याँ थाँका धणी परबू का बचन ने मानबावाळा भी वेवे, तो वींने कई केवा की जरूत कोयने, पण वो आपणी लुगई का वेवार ने देकन परमेसर का बचन पे चालबा लाग जाई।
काँके वाँ टेम आबावाळी हे, जद्याँ पेल्याँ परमेसर का मनकाँ को न्याव किदो जाई अन न्याव की सरुवात आपणाँ ऊँइस वेई तो वाँको कई वेई ज्यो परमेसर का हव हमच्यार ने कोयने माने हे?