6 काँके विस्वास के बना परमेसर ने राजी ने किदा जा सके हे अन जद्याँ कुई परबू का नके आवे हे, तो वींने विस्वास करणो छावे के, वो हे, अन ज्यो वींने होदे हे, वो वींने फळ देवे हे।
तद्याँ थाँ राजी वेज्यो अन आणन्द मनाज्यो, काँके हरग में थाँने ईंको फळ मली। यो वस्यानीस हे जस्यान थाँकाऊँ पेल्याँ परमेसर का आड़ीऊँ बोलबावाळा लोगाँ ने हताया हा।
“जद्याँ थाँ परातना करो, तो कपटी मनकाँ का जस्या परातना मती करज्यो, काँके वीं मनकाँ ने दिकावा का वाते परातना घर में अन गेला का ऊपरे ऊबा वेन परातना करणो वाँने हव लागे हे। मूँ थाँने हाचेई केवूँ हूँ के, वणा आपणो फल पा लिदो हे।
पण थाँ आपणाँ दसमणाऊँ परेम राको अन भलई करो, अन पाच्छा पाबा की आस ने राकन उदार दो, तद्याँ थाँने मोटो ईनाम मली अन थाँ परबू परमेसर की ओलाद केवावो, काँके परमेसर आग्या ने मानबावाळा अन पापी मनकाँ पे भी दया करे हे।
पण ज्यो वींपे विस्वास ने करे, वीं वींको नाम कस्यान लेई? अन जणा वींके बारा में हुण्यो भी ने हे, वीं वींपे विस्वास कस्यान करी? अन जद्याँ तईं वाँने कुई उपदेस देबावाळो ने वेवे तो वीं कस्यान हुण सकी?
काँके आपाँने वाँके जस्यानीस हव हमच्यार हुणायो ग्यो हे, पण हुण्या तका बचनऊँ वाँने कई नफो ने व्यो, काँके वीं हूणबावाळा वींने विस्वास के हाते ने हुण्यो हो।
ज्याँने पेल्याँ हव-हमच्यार हुणायो ग्यो हो, वीं आग्याने ने मानन रईम्बावाळी जगामें ने जा सक्या हा, ईं वाते अबाणू भी थोड़ाक मनकाँ का वाते रईम्बावाळी जगाँ को कमाड़ खुल्यो तको हे।
ईं वाते हो भायाँ, थाँ यो दिकाबा का वाते घणा ताकड़े रेवो के, थाँ हाँची में परमेसर का आड़ीऊँ बलाया अन चुण्या ग्या हो, काँके यद्याँ थाँ अणा हारी बाताँने करता रेवो, तो कदी ठोकर ने खावो अन नेई कदी रेटे पड़ो।
ईं वाते हो मारा लाड़ला भायाँ, थाँ अणा बाताँ की वाट नाळरिया हो, ईं वाते थाँ पुरी कोसीस करो के, परमेसर की नजरा में खरा, बना दोस का अन सान्तीऊँ रेबावाळो केवावो।
पण दरपण्या अन बना विस्वासवाळा, भरस्ट, हत्यारा अन कुकरमी, जादु-टोना करबावाळा, मूरती पुजबावाळा, अन हाराई जूट बोलबावाळा को भाग वीं कुण्ड में मली ज्यो हमेस्यान बळतो रेवे हे। या दूजी मोत हे।”