पण वीं तो बड़िया नगर में जाबा की मरजी राके हे, ज्यो हरग हे। ईं वाते वीं परमेसर ने आपणाँ परमेसर केबाऊँ हरम कोनी करे, काँके वणी वाँका वाते एक नगर त्यार करन मेल्यो हे।
पण ज्यो सेवा को काम ईसू मसी ने मल्यो हो, वो वाँकी सेवा का कामऊँ भी ओरी बड़िया हे, काँके वो जणी करार को बिचोलियो हो, वो पुराणा करारऊँ बड़िया हे। अन नवो करार ओरी बड़िया वादाऊँ ठम्यो तको हे।
ईं वाते ओ जरूरी हे के, जीं चिजाँ हरग का नकल का रूप में हे, वाँने जनावराँ का बलीऊँ पुवितर करणी छावे। पण हरग की चिजाँ तो अणाऊँ ओरी बड़िया बलीऊँ पुवितर किदी जावे हे।
वाँ हाराई ने धोळा चोळो पेरायो ग्यो हो अन वाँने क्यो ग्यो हो के, “थोड़ीक टेम ओरी वाट नाळो, जद्याँ तईं थाँकी हण्डाळ्याँ की गणती पुरी ने करी जावे, ज्याँने थाँकी जस्यान मारिया जाई।”