तद्याँ थाँ राजी वेज्यो अन आणन्द मनाज्यो, काँके हरग में थाँने ईंको फळ मली। यो वस्यानीस हे जस्यान थाँकाऊँ पेल्याँ परमेसर का आड़ीऊँ बोलबावाळा लोगाँ ने हताया हा।
“थाँ अबराम, इसाक, याकूब अन नरई परमेसर का आड़ीऊँ बोलबावाळा ने परमेसर का राज में देको, पण यद्याँ थाँने परमेसर का राजऊँ बारणे काड़ दिदा जाई, जटे तो बेस रोवणो अन दात पिसणाईस वेई।
पण अबराम वींने क्यो, “यद्याँ वी मूसा अन परमेसर का आड़ीऊँ बोलबावाळा की किताबाँ की बात ने माने हे, तो वी यद्याँ कुई मरिया तका मेंऊँ भी वाँका नके जाई तद्याँ भी वी वींकी ने मानी।”
पण यद्याँ आपणाँ बुरा करम परमेसर की धारमिकताने सई तरियाऊँ परगट करे हे अन अणी बात पे परमेसर आपाँ पे गुस्सो करे हे तो आपाँ कई केवा के, वीं आपणाँ हाते अन्याव करे हे। यो तो मूँ मनक का रिती पे कूँ हूँ।
तो आपाँ कई केवाँ? कई नेम पाप हे? कदी ने हे। काँके यद्याँ नेम ने वेता तो मूँ जाण ने पातो के, पाप कई वेवे हे? यद्याँ नेम ने बताता के, लोब मती करो, तो हाँची में मूँ जाणीई ने पातो के, लोब कई हे?
जणीऊँ थाँ वीं बाताँ ने जी परमेसर का आड़ीऊँ बोलबावाळा पुवितर मनकाँ पेल्याँई क्यो हो, वाँने थाँ आद कर सको अन आपणाँ छुटकारो देबावाळा परबू ईसू मसी की आग्या ने, अन जो थाँका खासतोर थरप्या तका चेला थाँने जो आग्या दिदी ही, वाँको थाँ ध्यान कर सको।