पण आपणाँ में जड़ ने पकड़बा का मस वीं थोड़ाक दनईस रेवे हे, अन जद्याँ परमेसर पे विस्वास करबा की वजेऊँ मनक वाँकाऊँ हव वेवार ने राके अन हतावे तो वीं विस्वास करणो छोड़ देवे हे।
पण अबराम वणीऊँ क्यो, “हे बेटा, याद कर के, थें आपणाँ आकाई जीवन में हारी हव चिजाँ को भोग कर नाक्यो हे अन अणीस तरिया लाजर खराब चिजाँ को किदो। पण, अबे यो अटे सान्ती पारियो हे अन थूँ दुक में पड़न तड़परियो हे।
में मिसर में आपणाँ लोग-बागाँ की लारे अन्याव वेता देक्यो अन वाँने रोता तका हुण्या। वाँने छुड़ाबा के वाते मूँ अटे आयो हूँ। अबे अटे आ, मूँ थने मिसर खन्दाऊँ।”
घणा के भाटा की ठोकन मार दिदा, घणा ने आरीऊँ चिरिया ग्या, वाँने तरवारऊँ मारिया अन बकरिया अन गारा की खाळ ओड़न अटने-वटने फरता फरिया, वीं कंगाळ की दसा में, कळेस में, दुक जेलता तका,
एक टेम ही, जद्याँ थाँ वाँकी परजा ने हा, पण अबाणू थाँ परमेसर की परजा हो। एक टेम ही जद्याँ थाँका पे परमेसर दया ने किदी ही, पण अबाणू वीं थाँका पे दया करे हे।