19 पण अबराम होच्यो के, परमेसर मरिया तका ने भी जीवतो कर सके हे अन एक दूजी आड़ीऊँ क्यो जावे तो वणी इसाक ने मोतऊँ पाछो पा लिदो हो।
“मूँ थाँकाऊँ कूँ हूँ के, जीं जीं फोगट की बाताँ मनक केवे हे, न्याव का दन वीं हाराई बाताँ को वाँने हस्याब देणो पड़ी।
जद्याँ वो घर में पूग्यो, तो वीं आन्दा वाँका नके आया अन ईसू वाँकाऊँ क्यो, “कई थाँने विस्वास हे के, मूँ यो कर सकूँ हूँ?” वाँकाणी क्यो, “हाँ, मालिक।”
पण आदमऊँ लेन मूसा का टेम तईं मोत हाराई पे राज करती री। मोत वाँका पे भी ही, जणा आदम के जस्यान पाप ने किदो हे। आदम आबावाळा का जस्यान को हो।
अबे परमेसर आपणाँ में काम करबावाळी वाँकी तागतऊँ आपणे पूँछबाऊँ अन हमजबाऊँ भी घणो हेलो काम कर सके हे।
काँके मसी हात का बणई तकी पुवितर जगाँ में ने ग्यो, ज्या जगाँ हाँची पुवितर जगाँ की नकल का जस्यान हे, पण हरग में ग्यो हे, ताँके आपणाँ वाते परमेसर का हामें पेरवई वेवे।
अन यो तम्बू अबाणू की टेम का वाते एक केणी हे, जिंमें अस्यी भेंट अन बलीदान चड़ाया जावे हे, जणीऊँ आरादना करबावाळा का मन पुरी तरियाँ सुद ने वे सके हे।