16 पण वीं तो बड़िया नगर में जाबा की मरजी राके हे, ज्यो हरग हे। ईं वाते वीं परमेसर ने आपणाँ परमेसर केबाऊँ हरम कोनी करे, काँके वणी वाँका वाते एक नगर त्यार करन मेल्यो हे।
मरिया तका जीवता वेन उठबा का बारा में थाँकाणी मूसा की किताब में जटे हळगता तका झाड़क्याँ का बारा में लिक्यो हे, कई थाँ वो ने भण्यो? वटे परमेसर मूसा ने क्यो हो, ‘मूँ अबराम को परमेसर हूँ, इसाक को परमेसर हूँ अन याकूब को परमेसर हूँ।’
जद्याँ कुई मारा अन मारी हिकऊँ, कुकरमी अन पापी जमानाऊँ हरमाई तो मूँ ज्यो मनक को पूत(ईसू) हूँ, जद्याँ पुवितर हरग-दुताँ की लारे परमेसर की मेमा में आऊँ, तो वींका वाते हरमाऊँ।”
पण, या बात हे के, मरिया तका पाच्छा जी उटे हे, तो मूसे भी बळता तका रूँकड़ा की केणी बतई ही के, ‘वो परबू ने अबराम का परमेसर अन इसाक का परमेसर अन याकूब का परमेसर केवे हे।’
थाँ केदी मनकाँ का दुक में भी दकी व्या हा। थाँ ओ जाणता हा के, थाँका नके अस्यान की दोलत हे ज्यो हव अन कदी नास ने वेई। ईं वाते थाँ थाँकी दोलत ने भी राजी वेन जब्त वेबा दिदी।