15 यद्याँ वीं वणी देस का बारा में होचता, जटे वीं रेता हा, तद्याँ वाँको वींमें पाछो जाबा को मोको रेतो।
अन ज्यो मनक अस्यान की बाताँ करे हे वीं यो दिकावे हे के, वीं आपणाँ खुद का देस की खोज में हे।