11 विस्वासऊँ जद्याँ सारा बाँज ही तद्याँ भी वाँ भूड़ापाँ में गरबवती वीं, काँके वणा वादो करबावाळा परमेसर ने विस्वास जोगा मान्यो।
अन देक, थाँरा परवार की एलीसिबा के भी भुढापा में बेटो जनम लेबावाळो हे। ज्या बाँजड़ी वाजती ही, अबाणू वींके छटो मीनो हे।
ईंको मतलब ओ हे के, परमेसर अबराम का पिड़ीऊँ देह का रूप में जनम्याँ मनकाँ ने आपणाँ मनक ने माने हे, पण परमेसर वाँने अबराम का बंस का माने, जीं परमेसर का वादा का जस्यान जनम्याँ हे।
पण ज्यो दासीऊँ पेदा व्यो, वो देह का रिति-रिवाजऊँ व्यो अन ज्यो वींकी घरकीऊँ व्यो, वो परमेसर का अबरामऊँ किदा तका वादा को फळ हो।
ईं वाते आवो, आपाँ जीं आस ने मान लिदी हे, वींने मजबुती का हाते ठामी राका, काँके जणी आपाऊँ वादो किदो हे वो विस्वास जोगो हे।