वोईस आपणी देह को, मतलब मण्डली को मातो हे। वोईस सरुआत हे अन वोईस पेलो हे ज्यो मरयाँ तका मूँ पाछो जी उट्यो हो। ताँके हारी बाताँ में वींनेईस पेली जगाँ मले।
थाँ तो जाणो हो, ईंका पछे जद्याँ वणी आसीस पाबा की आस किदी, तो वींने नकार दिदो ग्यो, अन वणी रो-रोन ज्यो वणी किदो हो वणीऊँ मन फेरवा को मोको होद्यो, पण वींने ने मल्यो।
पण आपाँ यो देकाँ हा के, वीं ईसू जाँने थोड़ीक टेम का वाते हरग-दुताऊँ रेटे कर नाक्या हा, अबे वींने मेमा अन आदर को मुकट पेरायो ग्यो हे, काँके वणी मोत को दुक जेल्यो हे। ताँके परमेसर की करपाऊँ हरेक मनक का वाते मोत को हवाद चाके।