2 पण अबे अणा आकरी दनाँ में परमेसर आपणाँ बेटा का जरिये आपाऊँ बाताँ किदी, अन वणीऊँस वणा ईं बरमाण्ड की रचना किदी। अन पछे वींने हारी चिजाँ पे अदिकारी बणायो।
“पण वीं हिंजारिया वीं छोरा ने देकन एक-दूजाऊँ क्यो, ‘ओ तो ईं बाग का मालिक को छोरो हे ज्यो जगाँ-जादाद को वेबावाळो मालिक हे। आवो ईंने मार नाका अन ईंकी जगाँ-जादाद ले लेवा।’
वे हिंजारिया एक-दूँजा ने क्यो, ‘ओ तो वींको छोरो हे, ज्यो हकदार बेणी। आवो, आपाँ ईंने भी मार नाका, तो पछे ईंका मरयाँ केड़े ईंकी जमीं-जादाद हारोई आपणो वे जाई।’
अबेऊँ मूँ थाँने दास ने केवूँ, काँके दास ने जाणे हे के, वाँको मालिक कई करे हे। पण थाँने मूँ दोस्त केन बतळाया हे, काँके में ज्यो बाताँ आपणाँ बापऊँ हूणी, वीं हारी थाँने बता दी हे।
“‘परमेसर केवे के अन्त की टेम में अस्यो वेई के, मूँ आपणी आत्मा हारई मनकाँ में नाकूँ, थाँका बेटा-बेटी परमेसर का आड़ीऊँ बोलबा लाग जाई, थाँका मोट्यार मनक दरसावो देकी, अन भूण्डा-ठाड़ा लोग-बाग हपनो देकी।
अन यद्याँ आपाँ वींकी ओलाद हा, तो परमेसर का वारिस अन मसी का हाते पांतीदार भी हा। अन यद्याँ हाँची में आपाँ वींके हाते दक-सक में पांतीदार हा, तो वींके हाते आपाँने भी मेमा भी पांतीदार हा।
पण आपणाँ वाते तो एकीस परमेसर हे आपणाँ बापू। वणाईस हारी चिजाँ बणई हे अन वाँका वातेईस आपीं जीवा हाँ। परबू खाली एकीस हे, ईसू मसी। वाँकाऊँईस हारी चिजाँ वीं हे अन आपणो जीवन भी वाँकाऊँईस हे।
विस्वास करबा की वजेऊँ आपाँ ओ जाण सका हा के, परमेसर की आग्याऊँईस ईं बरमाण्ड की रचना वीं हे। ईं वाते, ईं हाराई दिकबावाळी चिजाँ, दिकबावाळी चिजाँऊँ ने बणी हे।
पण परमेसर का घराणा में मसी तो एक बेटा का रूप में विस्वास करबा के जोगो हे, अन यद्याँ आपाँ हिम्मत राका अन वीं आस पे विस्वास बण्यो तको राका हा, तो आपींइस वींको घराणो हा।
काँके मूसा का नेम तो कमजोर मनकाँ ने मायाजक बणावे हे, पण वीं होगन जीं मूसा का नेमा के केड़े खादा ग्या हा, वणा बेटा ने मायाजक बणायो, ज्यो हमेस्या हमेस्या का वाते सिद बणग्यो।
वींका बापू अन वींकी माँ कन पुरवजाँ को कई लेको ने मले हे, वींके जनम अन मोत को भी कटे ने लिक्यो तको हे। परमेसर का बेटा का जस्यान वो हमेस्यान का वाते याजक बण्यो तको हे।
यद्याँ अस्यान वेतो तो दनियाँ का रचनाऊँ लेन वींने आकोदाण दुक जेलणो पड़तो, पण अबे जुग का अन्त में वो एकीस दाण परगट व्यो हे, ताँके आपणाँ बलीदानऊँ पाप ने छेटी कर दे।