10 परमेसर यो भी केवे हे, “हो परबू, जद्याँ दनियाँ की सरुवात वेरी ही, तो थाँ धरती की नीम नाकी, अन हरग थाँका हाताँ की कारीगरी हे।
अन या बात, “एक दाण ओरी” ईं बात ने परगट करे हे के, रचना किदी तकी चिजाँ मेंऊँ हालबावाळी चिजाँ नास किदी जाई, जणीऊँ ज्यो चिजाँ हाली कोनी, बेस वींइस अटल रेई।
“लोदकिया की मण्डली का दुताँ ने ओ लिक। ज्यो आमीन हे, विस्वास जोगो, हाँचो गवा हे अन हारी रचना को मुल हे, वो अस्यान केवे हे के,