पसे ईसू वाँकाऊँ क्यो, “ईं मारी वीं बाताँ हे, जद्याँ मूँ थाँके हाते रेते तके थाँकाऊँ क्यो हो। जतरी बाताँ मूसा के नेमा में अन परमेसर का आड़ीऊँ बोलबावाळा अन भजनाँ की किताब में मारा बारा में लिकी तकी हे, वीं हारी पुरी वेणीईस हे।”
सबद का दन थाँ मूसा की आग्या ने मानन जद्याँ थाँ मनकाँ को खतनो करो हो, तो थाँ भी तो सबद का दन काम करो हो। पण या रीत तो मूसा का पेल्याऊँ आपणाँ बड़ाबा की टेमऊँ चाली आरी हे।
तद्याँ वणी वाँने केबा के वाते एक दन ते किदो अन नरई मनक वटे भेळा व्या जटे वो रेरियो हो। वणी हवेरूँ लगान हाँज तक परमेसर के राज का बारा में बखाण किदो अन मूसा का नेमा अन परमेसर का आड़ीऊँ बोलबावाळा की किताबाँऊँ ईसू का बारा में साबत करतो तको हमजातो रियो।
मसी ने वीं दाण तईं हरग में रेणो पेड़ी, जतरे वीं हारी बाताँ परमेसर पेल्याँ के जस्यान कोयने कर दे, जिंका बारा में नरई पेल्याँ परमेसर आपणाँ आड़ीऊँ बोलबावाळा पुवितर मनकाँ का मुण्डाऊँ बतायो हो।
ध्यान राकज्यो, के थाँ वणी बोलबावाळा ने मती नकार ज्यो। काँके जणी धरती पे चेतावणी दिदी ही, वींने नकारन वीं बंच ने सक्या, तो यद्याँ आपाँ वींने नकार देवा, ज्यो आपाँने हरगऊँ चेतावणी देरियो हे, तो आपाँ कदी दण्डऊँ बंच ने सका।
परमेसर का हाराई घराणा में मूसो एक सेवा करबावाळा के जस्यान विस्वास के जोगो मान्यो ग्यो। वो वीं बात का वाते गवा हो, जीं परमेसर का आड़ीऊँ बोली जाबावाळी ही।
ईं वाते जद्याँ मूसे नेमा की हारी आग्या लोगाँ ने हुणई नाकी, तो वणी पाडा-पाडी अन बकरा को लुई पाणी में मलान लाल ऊन अन जुफा की डाळ्याऊँ वीं किताब पे अन हाराई लोगाँ पे छाँट दिदो।