पण अबराम वणीऊँ क्यो, “हे बेटा, याद कर के, थें आपणाँ आकाई जीवन में हारी हव चिजाँ को भोग कर नाक्यो हे अन अणीस तरिया लाजर खराब चिजाँ को किदो। पण, अबे यो अटे सान्ती पारियो हे अन थूँ दुक में पड़न तड़परियो हे।
कई थाँ ने जाणो हो के, बुरा मनक परमेसर का राज का वारिस ने वेई? धोको मती खावो अन ने गलत वेवार करबावाळो बण, ने मूरताँ पूजो, ने कुकरम, ने मनक मनक का हाते हुगलो काम करे,
काँके वो दन जद्याँ तईं ने आवे तद्याँ तईं आकरी विरोद ने जावे अन पाप को मनक परगट ने वे जावे, जिंने परमेसर नास करी, ईं वाते किंके भी अन किंकी ठग-वद्याँ में मती आ जाज्यो।