13 काँके वीं ज्याको खतनो वेग्यो हे वीं खुद तो मूसा का नेमा को पालण ने करे हे, पछे भी वीं छावे हे के, थाँ भी खतनो करावो, ताँके थाँके अणी देह का रिवाज मानबा पे वीं मेपणो कर सके।
“ओ कपटी मूसा का नेमा ने हिकाबावाळा अन फरीसियाँ, थाँने धिकार हे! थाँ एक जणा ने आपणाँ आड़ी लाबा का वाते रात-दन एक कर देवो हो। जद्याँ वो थाँका आड़ी आ जावे हे तो वींने आपणाँऊँ हेलो हुगलो बणा देवो हो।
“हो कपटी, मूसा का नेमा ने हिकाबावाळा अन फरीसियाँ, थाँने धिकार हे! थाँ पोदिनो अन सोप, अन जीरा को दसमो हिस्सो तो देवो हो, पण थाँ नेमा की खास बाताँ ने छोड़ देवो हो। जस्यान के दया, अन विस्वास अन न्याव ने छोड़ दिदो हे। पण अणीऊँ तो ओ हव हो के, थाँ अणा खास बाताँने ने छोड़ता अन वणा ने भी करता रेता।
हाँचा खतनावाळा तो आपींइस हा काँके परमेसर की आत्माऊँ वींकी भगती आपींइस करा हाँ अन आपीं आपणो भरोसो दिकबावाळा रिति-रिवाज पे ने पण ईसू मसी पे मेपणो राका हाँ।