चेला ने गरू का बराबर वेवा में अन हाळी ने मालिक का बराबर वेवा मेंईस संतोक करणो छावे। यद्याँ वीं घर का मालिक ने बालजेबूल केवे, तो वाँका घर का लोगाँ ने ओरी हेलो बुरो काँ ने केई?
पण थाँ आपणाँ दसमणाऊँ परेम राको अन भलई करो, अन पाच्छा पाबा की आस ने राकन उदार दो, तद्याँ थाँने मोटो ईनाम मली अन थाँ परबू परमेसर की ओलाद केवावो, काँके परमेसर आग्या ने मानबावाळा अन पापी मनकाँ पे भी दया करे हे।
अस्यान परमेसर का बचन दन-दूणा रात चोगुणा फेलतारिया अन यरूसलेम में चेला की मण्डली हेलीऊँ हेली वेबा लागी, अन याजकाँ का नरई लोग ईसू पे विस्वास करबा लागग्या।
मूँ परबू में घणो राजी हूँ के, अबे अतरा दनाँ केड़े थाँ मारा बारा में होच्यो हे। मूँ ओ ने कूँ के, थाँ मारा बारा में होचणो छोड़ दिदो हे। पण मूँ जाणूँ हूँ, थाँने ओ करबा को मोको ने मल्यो।
आ हाँची बात हे। मूँ छावूँ हूँ के, अणी मामला में थूँ खासतोर जोर देन के, जणीऊँ परमेसर पे विस्वास करबावाळा भला काम करता रेवे। ईं बाताँ मनकाँ का वाते हव अन नफा की हे।
पण परमेसर का घराणा में मसी तो एक बेटा का रूप में विस्वास करबा के जोगो हे, अन यद्याँ आपाँ हिम्मत राका अन वीं आस पे विस्वास बण्यो तको राका हा, तो आपींइस वींको घराणो हा।
काँके परमेसर अन्यायी ने हे, के थाँका काम अन वीं परेम ने भुल जावे, ज्यो थाँ वींका नाम का वाते बतायो हे के, थाँ पुवितर लोगाँ की सेवा-चाकरी किदी अन कररिया हो।
थाँ भी जीवता भाटा का जस्यान हो थाँने आत्मिक मन्दर का रूप बणाया जारिया हे, जणीऊँ थाँ पुवितर याजक का जस्यान बणन अस्यान का आत्मिक बलीदान चड़ावो, जो ईसू मसी के वजेऊँ परमेसर के चड़ाबा का जोगा वेवे।
काँके वाँ टेम आबावाळी हे, जद्याँ पेल्याँ परमेसर का मनकाँ को न्याव किदो जाई अन न्याव की सरुवात आपणाँ ऊँइस वेई तो वाँको कई वेई ज्यो परमेसर का हव हमच्यार ने कोयने माने हे?
ईं वाते जद्याँ मूँ आऊँ तद्याँ बताऊँ के, वो कई-कई करे हे। वो जूट बोल बोलन आपणाँ पे जूटा दोस लगावे हे अन वो योईस ने करे, पण भायाँ की आवभगत भी ने करे अन ज्यो कुई वाँकी आवभगत करणो भी छावे हे, तो वाँने वो करबा भी ने देवे अन वो वाँने मण्डली का बारणे काड़ देवे हे।