“ओ आन्दा अगुवाँ, थाँने धिकार हे। थाँ केवो हो के, ‘यद्याँ कुई मन्दर की होगन खावे हे तो कई ने, पण यद्याँ कुई मन्दर का होना का होगन खावे, तो वींने वींको पालण करणो जरूरी हे।’
“पछे थाँ अस्यान भी केवो हो के, ‘यद्याँ कुई वेदी की होगन खावे तो कई ने, पण ज्यो चड़ावो वींपे हे, यद्याँ कुई वींकी होगन खावे, तो वींने वाँ होगन पुरी करणी जरूरी हे।’
पण ज्यो मनक मूसा का कामाँ का जस्यान चाली वीं हाराई मनक पाप का गुलाम रेई। काँके सास्तर में लिक्यो हे के, “ज्यो कुई मूसा का नेमा की किताब में लिकी तकी हारी बाताँ ने कोयने मानी, वींने हराप लागी।”
मूँ ईं वाते ओ केवूँ हूँ अन परबू का नाम में थाँने हेंचेत करूँ हूँ के, ज्यो विस्वास ने करे हे वाँके जस्यान अबे कदी भी जीवन ने जीवो, जिंको बच्यार कई काम को ने हे।
ईं बात में कुई भी आपणाँ भई नेईस ने ठगे अन ने कुई किंको नफो लेणो छावे। काँके परबू आ हारी बाताँ को बदलो लेबा में हे, अणा बाताँ का बारा में माँ थाँने पेल्याँई बता दिदो अन चेताया भी हाँ।