हो मारा प्यारा भायाँ, आपणाँ नके परमेसर को दिदो तको करार हे। ईं वाते थाँ आवो, अन परमेसर को मान करता तका खुद ने पुवितर करबा का वाते खुद की आत्माने अन देह ने मयनेऊँ अन बारणेऊँ हुगली चिजाँऊँ पुवितर करो।
पण मारे केबा को मतलब यो हे के, ज्यो बात परमेसर पेल्याँई पाकी कर दिदी हे, वींने चारस्ये तीस वर का केड़े मूसा का नेम आन वींने टाळ ने सके हे। अन नेई वणी वादा ने बेकार ठेरा सके हे।
काँके ज्यो आपणाँ सरीर की बुरी मरजी के वाते वाँई, वो सरीर के वाते आपणाँ नास की हाँक काटी, अन ज्यो पुवितर आत्मा के वाते वाँई, वो आत्मा के वाते अनंतकाल का जीवन की हाँक काटी।
पेल्याँ आपाँ हारई भी वाँके जस्यान आपणाँ डील की हुगली मनसा के जस्यान दन बिताता हा, डील अन मन की मरजी पुरी करता हा अन दूजाँ लोगाँ के जस्यान परमेसर का दण्ड के जोगा हा।
अबे जद्याँ थाँ हाँच ने मानता तका, हाँचा भईचारा का परेम ने बताबा का वाते आपणी आत्माने पुवितर कर लिदी हे, ईं वाते थाँ एक-दूँजा में पुवितर मनऊँ परेम करबा की मनसा बणालो।
हे मारा प्यारा भायाँ-बेना, थाँ जो ईं दनियाँ का मयने बारवासी मनकाँ के जस्यान हो, थाँकाऊँ अरज करूँ हूँ के, थाँ पाप करबा की बुरी मरजीऊँ खुद ने बंचान राकज्यो, ज्या थाँकी आत्माऊँ लड़ती रेवे हे।