12 मूँ तो अस्यान छावूँ हूँ के, जीं मनक खतनो करबा का वाते जोर देवे हे, वीं खुद आपणाँ खतना का हाते-हाते आपणो अंग भी काट नाके।
यहूदी अदिकारियाँ वाँने क्यो, “थूँ तो पाप मेंईस जनम्यो हे, थूँ माने कई हिकावे हे?” अन वाँकाणी वींने परातना घरऊँ बारणे काड़ दिदो।
माँ हुण्यो हे के, माकाँ मूँ कुई थाँका अटे आन, थाँने वाँकी बाताँऊँ घबरा दिदा अन मन ने पळट दिदा, पण माँ वाँने आग्या ने दिदी ही।
ईं बाताँ हुणन हनन्या जमीं पे पड़्यो अन मरग्यो। जणा भी लोगाँ ईंका बारा में हुण्यो वे दरपग्या।
तो पतरस वींने क्यो, “थाँ दुई जणा परमेसर की आत्माने परक करबा के वाते काँ राजी व्या? देक, थाँरा घरधणी ने गाड़बावाळा बारणा में ऊबा हे, अन वीं थने भी तोकन लेजाई।”
पण अविस्वासी मनकाँ को न्याव परमेसर करे हे। सास्तर केवे हे, “थाँ बुरा मनकाँ ने आपणाँ बचमेंऊँ बारणे निकाळ दो।”
अन यो वणा जूटा भायाँ ज्यो छानेकूँ आपणाँ बचमें आग्या हाँ ताँके ज्यो आजादी आपाँने आपणाँ मसी ईसू की दयाऊँ मली वींको भेद लेन माँने दास बणा सके।
परबू में मने थाँका पे पूरो भरोसो हे के, थाँ दूजी कस्याई बच्यार ने मानो, पण जीं थाँने भटकाणा छावे हे, वो पलई कुई भी वे, वींने तो परमेसर जरुर सजा देई।
फुट नाकबावाळा मनकाँ ने चेता अन जद्याँ वो एक दाण में ने माने तो वाँने दूजी दाण का चेता तद्याँ वीं दूजी दाण भी ने माने, तो वाँकाऊँ अलग वेजा।