31 ईं वाते ओ भायाँ, आपाँ भी दासी का ने पण पनी तकी लुगई का छोरा-छोरी हा। ज्याँ गुलामी में ने हे।
ईं वाते यद्याँ पूत थाँने आजाद करी, तो थाँ हाचेई आजाद वेवो।
वाँमें ओ लिक्यो तको हे के, अबराम के दो बेटा व्या, एक तो दासीऊँ अन दूज्यो वींकी घरकीऊँ ज्याँ गुलामी में ने ही।
पण पुवितर सास्तर में लिक्यो तको हे के, “दासी अन वींका छोरा-छोरी ने बारणे काड़ दो, काँके दासी को बेटो, पनी तकी लुगई का बेटा का हाते हकदार ने वेई।”
ईसू मसी आपाँने आजादी के वाते आजाद किदा, आपाँने ईंमेंइस रेणो हे अन गुलामी का कामाँ में पाच्छा मती जावो।
पण हो भायाँ, थाँने तो परमेसर आजाद वेवा के वाते बलाया हे, पण अणी आजादी ने थाँ आपणाँ सरीर का कामाँ ने पूरा करबा का वाते काम में मती लावो, पण परेम-भावऊँ एक दूजाँ की सेवा करो।