30 पण पुवितर सास्तर में लिक्यो तको हे के, “दासी अन वींका छोरा-छोरी ने बारणे काड़ दो, काँके दासी को बेटो, पनी तकी लुगई का बेटा का हाते हकदार ने वेई।”
मालिक का घर में कुई गुलाम हक ने जमा सके हे, पण मालिक का पूत को हमेस्यान हक रेवे हे।
परमेसर आपणाँ इजराएली मनकाँने ने नकारिया हे, ज्याँने वीं पेल्याँई जाणता हा। कई थाँ ने जाणो हो के, एलिया का बारा में सास्तर कई केवे हे, जद्याँ एलियो इजराएल का मनकाँ का विरोद में अरज कररियो हो?
सास्तर कई केवे हे के, “अबराम परमेसर पे विस्वास किदो, जणीऊँ वो धरमी केवायो ग्यो।”
पण सास्तर हाराई मनकाँ ने पाप का हाताँ में हूँप दिदा हे, ताँके परमेसर वो वादो ज्यो ईसू मसी पे विस्वास करबा दिदो ग्यो, वो विस्वास करबावाळा का वाते पूरो वे जावे।
सास्तर में ओ पेल्याई बतायो ग्यो हे के, परमेसर पे विस्वास करबाऊँ ज्यो यहूदी ने वीं भी धरमी ठेरी, ईं वाते परमेसर पेल्याँई अबराम ने ओ हव हमच्यार हुणा दिदो के, “थाँराऊँ हाराई मनक आसीस पई।”
वाँमें ओ लिक्यो तको हे के, अबराम के दो बेटा व्या, एक तो दासीऊँ अन दूज्यो वींकी घरकीऊँ ज्याँ गुलामी में ने ही।
ईं वाते ओ भायाँ, आपाँ भी दासी का ने पण पनी तकी लुगई का छोरा-छोरी हा। ज्याँ गुलामी में ने हे।
कई थाँ अस्यान होचो हो के, पुवितर सास्तर बेकार में केवे हे के, “जणी आत्माने परमेसर आपणाँ मयने राकी हे, वींका वाते वीं जलन राके हे, काँके वींने परमेसर खुब छावे हे?”