14 मारे देह की कमज्योरी का मस मूँ थाँका पे बोज बण्यो तो भी थाँ मारो अपमान ने किदो अन ने मारा पे रिस्याँ बळ्या, पण मने परमेसर को हरग-दुत हमज मारी आवभगत किदी के, जस्यान मूँईस ईसू मसी हूँ।
ईसू आपणाँ चेलाऊँ क्यो, “जो थाँकी हुणे हे, वी मारी हुणे हे अन ज्यो थाँने बेकार हमजे हे वीं मने भी बेकार हमजे हे। अन ज्यो मने बेकार हमजे हे वीं मने खन्दाबावाळा ने भी बेकार हमजे हे।”
परमेसर दनियाँ मूँ वाँनेईस चुण्या ज्याँने दनियाँ की नजराँ में नीचा हमज्या जावे हे अन ज्याँने बेकार हमज्या जावे अन ज्यो कई भी ने हे। परमेसर अणाने चुण्या ताँके दनियाँ ज्याँने खास हमजे हे, वाँने वीं बेकार ठेरा सके,
एक ओरी वजेऊँ माँ थाँका वाते परमेसर को धन्नेवाद करा हाँ के, जद्याँ माँ थाँने परमेसर को हव हमच्यार हुणायो हो जद्याँ थाँ ईंने मनकाँ का आड़ीऊँ ने जाण्यो पण परमेसर को जाणन ईंने मान्यो अन हाँच भी योईस हे, ईं वजेऊँ परमेसर थाँकामें जद्याँ विस्वास करो हो तो काम करे हे।