1 मूँ ओ केवूँ के, मालिक जद्याँ तईं बाळक हे, तो पलई वो हारी चिजाँ को मालिक हे, पछे भी बाळक अन दास में कई ऊँच-नीच ने हे।
अन यद्याँ थाँ मसी में हो, तो अबराम की पीड़ी का अन वादा की तरियाऊँ ईसू मसी का बेटा-बेटी की बापोती में भेळा हो।
पण वो आपणाँ बापू का ठेराया तका टेम तईं आपणाँ घरवाळा अन वींका देक-रेक करबावाळा का केबा में रेवे हे।
पण ज्यो दासीऊँ पेदा व्यो, वो देह का रिति-रिवाजऊँ व्यो अन ज्यो वींकी घरकीऊँ व्यो, वो परमेसर का अबरामऊँ किदा तका वादा को फळ हो।
पण वीं टेम में देहऊँ जनम्यो तको पुवितर आत्मा का वादाऊँ जनम्याँ तका ने हतातो हो, वस्यानीस अबाणू भी वेवे हे।
अन ज्यो भी मनक परमेसर का बेटा पे विस्वास करे हे, वो खुदई वींकी गवई देवे हे। जद्याँ कुई परमेसर क्यो, वणा बाताँ पे विस्वास ने करे, वो परमेसर ने जूटो ठेरावे हे। काँके परमेसर आपणाँ बेटा का वाते गवई दिदी हे।