7 अणीऊँ थाँ यो हमज लो के, ज्यो विस्वास करे हे वीं अबराम का बंस का हे।
तद्याँ ईसू वणीऊँ क्यो, “आज अणी घर में छुटकारो आयो हे, काँके अणी विस्वास करन ओ बता दिदो हो के, ओ भी अबराम की ओलाद हे।
अस्यानीस थें वे हारी बाताँ वेती देको, तो जाण जाज्यो के, परमेसर को राज को दन नके हे।
वाँकाणी ईसुऊँ क्यो, “माँ अबराम की ओलाद हा।” ईंपे ईसू वाँने क्यो, “यद्याँ थाँ अबराम की ओलाद वेता, तो अबराम के जस्यान काम करता।
पण आपणाँ वाते भी के, परमेसर आपाँने ज्यो वींमें विस्वास राका हा, धरमी मानी। वणी आपणाँ परबू ईसू ने पाच्छा जिवाया हे।
ईं वाते ज्यो मनक विस्वास करे हे, वीं हाराई विस्वासी अबराम का हाते आसीस पाई।
ईं वाते जतरा भी अणी रिती पे चाली वणा हाराई परमेसर का मनकाँ पे दया अन सान्ती वेती रेई।
मूँ छावूँ हूँ के, थाँने यो पतो पड़ जावे के, आपणो भई तिमुतियुस छुटग्यो हे, अन यद्याँ वो वेगो आग्यो तो, मूँ वींका हाते थाँकाऊँ मलूँ।