4 कई थाँ अतरो दुक फालतू में उटायो? ओ कदी बेकार ने वेई।
अन अणीऊँस थाँ बंचाया जावो हो, पण थाँने अणा बचना ने हूँस्यारी का हाते पकड़न राकणा हे अन यद्याँ थाँ अस्यान ने करो तो थाँको विस्वास करणो बेकार वे जाई।
थाँ अतरा मुरक कस्यान वे सको हो के, आत्मा की रिती चालूँ करन देह का रितीऊँ खतम कररिया हो?
ईं वाते थाँ खुद हूँस्यार रेज्यो, जणीऊँ थाँ वींने खो ने दो, जिंका का वाते, आपाँ घणी मेनत कररिया हा, काँके थाँने थाँको पुरो-पुरो फळ लेणो हे।