आपाँ जाणा हे के, नेम ज्यो कई केवे हे, वाँने केवे हे ज्यो नेमा का बंस में हे। अणीऊँ हाराई का मुण्डा बन्द किदा जा सके अन हारी दनियाँ परमेसर का दण्ड के जोगी वे।
तद्याँ पछे मूसा का नेम काँ दिदा ग्या? यो तो मनकाँ ने पाप का बारा में बताबा का वाते दिदा ग्या, ताँके ईं नेम वणी बंस तईं रेवे जिंका बारा में परमेसर वादो किदो, अन अणा नेमा ने परमेसर हरग-दुताऊँ मूसा ने दिदा, ज्यो मनकाँ अन परमेसर का बचमें बात करबावाळो हो।
ईं हाराई मनक विस्वास करता कतराई मरग्या अन ज्यो चीज वाँने देबा को वादो किदो ग्यो हो, वाँ वाँने कोनी मली। पण वीं वाँने छेटीऊँ देकी अन वाँकी आवभगत किदी अन वीं ओ भी मानता हा के, वीं ईं धरती में बारवासी अन अणजाण हे।
विस्वास का मालिक अन वींने सिद करबावाळा ईसू मसी का आड़ी आपाँ देकता रा। जणी आपणाँ हामें राक्या तका आणन्द का वाते लाज-सरम की चन्ता ने किदी अन हूळी पे दुक जेल्यो अन परमेसर की गादी के जीमणे पाल्डे जान बेटग्यो।