11 पण आ बात तो परगट हे के, मूसा का नेमाऊँ कुई परमेसर में धरमी वण्यो ने रेई, काँके सास्तर केवे हे के, “धरमी मनक परमेसर का विस्वास का भरोस्येईस जीवतो रेई।”
पछे भी आपाँ यो जाणा हे के, कुई मनक मूसा का नेमाऊँ ने पण ईसू मसी पे विस्वास करबाऊँ धरमी बणे हे। आपाँ ईं वाते ईसू मसी पे विस्वास किदो के आपाँ मूसा का नेमाऊँ ने पण ईसू मसी का विस्वासऊँ धरमी बणन रेवा, काँके मूसा का नेमाऊँ कुई मनक धरमी बणन ने रे सके हे।
वीं एक नुवो गीत गाबा लागा हा के, “थाँ ईं किताब ने अन ईंपे लागी तकी मोराँ ने खोलबा जोगो हो, काँके थाँ बली चड़न थाँका लुईऊँ हाराई कुल का मनकाँ ने, हारी बोली बोलबावाळा ने, हारी जात्या का मनकाँ ने परमेसर वाते मोल लिदो हे।