हो मारा भायाँ, मूँ थाँकाऊँ अरज करूँ हूँ के, थाँने ज्या हिक मली, वींके खिलाप में थाँकामें फुट नाकबावाळा अन दूजाँ का विस्वास ने बगाड़बावाळाऊँ छेटी रेज्यो।
ईं वाते जद्याँ मूँ ईं बाताँ की मरजी किदी ही वाँ यूँई तो ने किदी अन में ज्यो मरजी किदी हे वाँ ईं दनियाँ का मनकाँ का जस्यान थोड़ी किदी हे। यद्याँ अस्यान करतो तो मूँ हाँ हाँ अन ने ने केतो।