20 अन जीं बाताँ मूँ थाँने लिकरियो, देको, वीं परमेसर का होगन खान केवूँ हूँ के, ईं बाताँ जूटी कोयने।
मूँ मसी में हाँची बोलरियो हूँ। मूँ जूट ने बोलूँ अन मारो मन ज्यो पुवितर आत्माऊँ मारी गवई देवे हे
गवई का रूप में परमेसरऊँ अरज करतो तका अन मारा जीवन का होगन खान कूँ हूँ के, मूँ पाछो कुरिन्तुस में ईं वाते ने आयो हो काँके मूँ थाँने दकऊँ बंचाणा छातो हो।
आपणाँ परबू ईसू मसी का बापू परमेसर की हमेस्यान मेमा वेती रेवे, वीं जाणे के, मूँ जूट ने बोलूँ हूँ।