17 अन ने मूँ यरूसलेम नगर में वाँका नके ग्यो, ज्यो माराऊँ भी पेल्याँ परमेसर का थरप्या तका चेला हा, पण मूँ तरत अरब परदेस परोग्यो अन पछे मूँ पाछो दमिसक नगर में आग्यो।
अन वे दमिसक का परातना-घराँ को वींने ओळकाण की एक पानड़ी देबा का वाते अरज किदी। ताँके वींने वटे कुई भी ईं पन्त को मनक मले, पलेई वा लुगई वेवे कन आदमी, वो वाँने बन्दी बणान पाच्छा यरूसलेम लावे।