11 हो भायाँ, मूँ थाँने बताणो छारियो हूँ, ज्यो हव हमच्यार में थाँने हुणायो हे, वो मनकाँ का आड़ीऊँ कोयने।
ईं बाताँ वणी दन वेई जद्याँ परमेसर मूँ हूँणऊँ वीं हव हमच्यार का जस्यान ईसू मसीऊँ मनकाँ के छाने की बाताँ को न्याव करी।
काँके ज्या हिक मूँ थाँने देरियो हूँ, वाँ मने परबू का आड़ीऊँ मली हे। परबू ईसू जीं रात ने धोकाऊँ पकड़वाया ग्या हा वीं रात वणा एक रोटी लिदी,
जद्याँ थाँकामूँ कुई केवे हे के, “मूँ पोलुस को हूँ” अन दूजो केवे हे, “मूँ अपुलोस को हूँ।” तो कई थाँ दनियाँ के जस्यान वेवार ने करो हो?
मूँ ईं बाताँ मनकाँ का रिति-रिवाजऊँईस बोलूँ हूँ कई? कई अणा बाताँ का बारा में सास्तर में ने लिक्यो हे?
यो कागद पोलुस का आड़ीऊँ जिंने थरप्यो तको चेलो वेबा का वाते चुण्यो ग्यो, वो ने तो मनकाँ का आड़ीऊँ अन ने मनकाऊँ चुण्यो ग्यो, वो तो ईसू मसी अन परम बापू परमेसर की ओरुँ चुण्यो ग्यो, जणा ईसू मसी ने मरिया तकाऊँ जीवता किदा हा।
मने अचम्बो वेरियो हे के, परमेसर जणा थाँने मसी की दयाऊँ बलाया हे, थाँ अतरा जट वणाऊँ फरन कणी दूजाँ हव हमच्यार ने मानरिया हो।