काँकरा वाळी जगाँ का बीज वणा मनकाँ का जस्यान हे के, जद्याँ वी हुणे, तो वी आणन्द का हाते परमेसर की वाणी ने माने हे। पण वीं जड़ ने पकड़वा का मस थोड़ीक दाण विस्वास करे हे अन परक की दाण वी भाग जावे हे।
इपफरास, ज्यो थाँका मेईलोईस हे अन मसी ईसू को दास हे, वो थाँने आद कररियो हे अन हरदाण थाँका वाते आका मनऊँ परातना करे हे। जणीऊँ थाँ हमजदारी अन पूरा भरोसा का हाते परमेसर की मरजी में अटल रेवो।