थूँ वाँकी आक्याँ ने खोले अन वीं अंदाराऊँ उजिता का आड़ी, अन सेतान की सगतिऊँ परमेसर का आड़ी फरे ताँके वाँने पापाऊँ मापी मले अन परमेसर का चुण्या तका लोगाँ के हाते वीं भी बापोती में भेळा वेवे।’
हो भायाँ, मूँ थाँने बताऊँ हूँ के, आपणी आ देह ज्यो माँस अन लुईऊँ बणी तकी हे परमेसर का राज में भेळी ने वे सके हे अन ने ज्यो नास वेबावाळी या देह हे, वाँ ज्यो अमर हे वींमें भेळी वे सके हे।
ईं दनियाँ को सेनापती ज्यो सेतान हे, वो वणा मनकाँ की अकल ने बन्द कर मेली हे जीं विस्वास ने करे हे। जणीऊँ वीं परमेसर का रूप में मसी ने अन वाँकी मेमावान उजिता का हव हमच्यार ने ने देक सके।
जद्याँ परमेसर की मरजी वीं के, मारा में वींका पूत ने परगट करे अन मूँ ज्यो यहूदी ने हे वणामें वींको हव हमच्यार हूँणऊँ तो वणी दाण में ईं बात पे कणी मनकऊँ सला ने लिदी।
थाँ पेल्याँ दनियाँ का हूँगला नेमा पे चालता हा। अन वीं वादळा की आत्मिक सगत्याँ का राजा ने मानता हा, ज्यो आत्मा लोगाँ ने अबे परमेसर को मान ने करबा का वाते मजबूर करती ही।
अन हाराई बुरा आत्मिक परदानाँ अन बुरी सगत्याँ का हत्यार कोसन हूळीऊँ वाँको हाराई का हामे तमास्यो किदो अन वाँने आपणे पाच्छे कर नाक्या अन जीत को जुलस काड़्यो।
ईं वाते जद्याँ गवा की एक मोटी भीड़ आपणाँ च्यारूँमेर हे, तो आवो, आड़ी देबावाळी हारी चिजाँ ने अन उलजाबा पाप ने छेटी करा अन ज्या दोड़ आपाँने दोड़णी हे, वींने सेण करता तका दोड़ता रा।